-->

Ads

Maharashtra: राहुल गांधी की सजा पर रोक के बाद संजय राउत बोले- 'मुझे समझ नहीं आता कि क्यों...'

 

Modi Surname Case: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से जो माहौल तैयार किया था उसके लिए उन्हें सजा दी गई. उन्होंने गुजरात की अदलातों के फैसले पर सवाल किया.













Modi Surname Reactions: मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘इंसाफ जिंदा है.’’ राउत ने कहा कि इस फैसले के बाद लोकसभा अध्यक्ष को गांधी की (संसद सदस्यता के लिए) अयोग्यता को रद्द कर देना चाहिए. मामले में सूरत की निचली अदालत से दोषी करार दिए जाने एवं दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया गया था.

शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने कहा कि राहुल गांधी पिछले दो साल से बीजेपी नीत सरकार के खिलाफ जिस प्रकार के हमले कर रहे थे, उसके कारण लोकसभा सदस्य के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराया जाना संसद से निकाल बाहर फेंकने के ‘मकसद’ से पहले से तय किया गया कदम था.

संजय राउत बोले- मुझे समझ नहीं आता कि क्यों...'

राउत ने कहा, ‘‘अपनी भारत जोड़ो यात्रा से जो माहौल उन्होंने तैयार किया था, उसके लिए उन्हें दंडित किया गया, न कि मोदी उपनाम के सिलसिले में उनकी टिप्पणी को लेकर. सुप्रीम कोर्ट में इंसाफ जिंदा है.’’ उन्होंने गुजरात की अदालतों के फैसलों पर सवाल खड़ा किया.

राउत दावा किया, ‘‘मुझे समझ नहीं आता कि क्यों (सूरत की निचली अदालत द्वारा) राहुल गांधी को दोषी ठहराया गया. हाई कोर्ट ने क्या किया? हाई कोर्ट को इस फैसले पर एक रुख अपनाना चाहिए था लेकिन गुजरात में किसी भी अदालत का संविधान एवं इंसाफ से संबंध नहीं है.’’ शिवसेना यूबीटी कांग्रेस की सहयोगी है.

सुप्रीम कोर्ट ने मोदी उपनाम से जुड़े मानहानि के 2019 के मामले में गांधी की दोषसिद्धि पर शुक्रवार को स्थगन लगा दिया. न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि बयान अच्छे नहीं थे और सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की अपेक्षा की जाती है. इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए और चूंकि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने के लिए कोई कारण नहीं बताया गया, दोषसिद्धि के आदेश पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगाने की जरूरत है.




Post a Comment

0 Comments